सेंधवा जनपद की बिल व्हाउचारो की फाइल जला दी गयी थी जनपद परिसर में ! लेखाधिकारी की कारिस्तानी , भ्रष्टाचार के सबुत मिटाने की आशंका ! विधायक ने लगाया विधानसभा में प्रश्न , अब तक लेखाधिकारी पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं ?मनरेगा सामग्री वितरण का मामला भी चर्चा में ।

सेंधवा से कपिलेश शर्मा – सेंधवा जनपद पंचायत मे भ्रष्टाचार की एक नइ इबारत और लिखती दिखाई दे रही है , जिसमे मुख्य किरदार में अब जनपद पंचायत के सहायक लेखाधिकारी पर सीधी ऊँगली उठती दिखाई दे रही है , हलाकि यह पहला मामला नहीं है जब वर्तमान पदस्थ लेखाधिकारी पर आरोप लग रहे है , इसके पूर्व भी तत्कालीन जनपद सी इ ओ रविकांत उके पर भ्रष्टाचार के आरोप में लोकायुक्त का चर्चित छापा पड़ा था तब जो 5 लाख करीब की राशि बरामद हुई ती वो इसी लेखाधिकारी की गाडी में बरमाद हुई थी , तब बताया जाता है की सांठ गाँठ के चलते ये महाशय क्लीन चिट ले आये थे , अभी वर्तमान में विगत दिनों इन्होने जनपद पंचायत सेंधवा के रिकॉर्ड बिना की अनुमति के , बिना किसी विज्ञप्ति प्रकाशन , व् उच्च अधिकारीयो की अनुमति के जनपद परिसर में जला दिए गए थे , विश्वसनीय सूत्रों की माने तो इसमें वे सभी बिल व्हाउचर थे जिनके बाहर आ जाने से बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो जाता |
पूरा मामला सेंधवा जनपद से जुडा है जहा वर्तमान पदस्थ सहायक लेखाधिकारी राकेश पंवार जो की मूल रूप से मनरेगा शाखा के लेखाधिकारी है, उन्हें राजनितिक संरक्षण एवं आधिकारियो से सांठ गाँठ के चलते जनपद पंचायत के लेखाधिकारी के रूप में लम्बे समय से बैठा रखा है | महोदय ने २२ अप्रैल २०२५ को जनपद परिसर में बड़ी मात्रा में मनमानी करते हुए जनपद पंचायत का रिकॉर्ड जला दिया था , बाद में पुराना रिकॉर्ड बताते हुए उच्चस्थ अधिकारियो को विश्वास में लिया था |सूत्रों की माने तो यह जो रिकॉर्ड जलाया गया था , इसमें कई महत्व्प्पूर्ण दस्तावेज थे , जो की बिना किसी अधिकारिक जानकारी के जला दिए गए थे , जिनमे पुराने बिल व्हाउचर , और कोरोना काल के समय हुए नगद भुगतान सम्बंधित बिल व्हाउचर थे , जिससे कई तरह की अनियमितता और गंभीर लापरवाही सामने आ जाती , साथ ही इन दस्तावेजो में कई तरह के अनियमित भुगतान से सम्बंधित सबुत भी थे जिन्हें बाहर आ जाने के डर से इन्हें ताबड़तोड़ जला दिया गया | मामले पर उस समय यह कह दिया गया था की जांच की जायेगी जो की आज तक सार्वजनिक नहीं हुई ,शासकीय दस्तावेजो को जलाने की लिए जो आधिकारिक प्रक्रिया होती है उसे भी नहीं अपनाया आया था , इसको लेकर न तो कोई नियमानुसार कोई वैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया ,न शासकीय कार्यवाही जैसे विज्ञप्ति प्रकाशन इत्यादि भी नहीं की गयी थी ,बताया जाता है की उच्चस्थ अधिकारियो के संज्ञान में भी नहीं लाया गया , न कोई आदेश प्राप्त हुए न की निर्देश , बस रिकॉर्ड जला दिया गया था | इतना ही नहीं मामले की गंभीरता इसी से ज्ञात होती है की सेंधवा के विधायक मोंटू सोलंकी से विधानसभा में प्रश्न लगाकर पूरी जानकारी मांगी है |
विधायक ने प्रश्न उठाया , मामले ने तुल पकड़ा
विधायक मोंटू सोलंकी ने विधानसभा पटल पर ग्रामीण विकास मंत्री से सवाल किया है की मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करे की क्या दिनांक 22/04/2025 को जनपद पंचायत संथवा में पूर्व वर्षों के महत्वपूर्ण एवं आवश्यक दस्तावेज तथा व्हाउचर , फाइलों में आग लगाने की घटना हुई है ? उक्त घटना में कितने वर्षों का कौन सा अभिलेख नष्ट हुआ है प्रमाणित जानकारी देवें ? (ख) शासकीय दस्तावेजों को आग लगाने के पूर्व क्या पदस्थ जिम्मेदार मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं लेखाधिकारी राकेश पवार के द्वारा तमाम शासकीय नियम प्रक्रियाओं का पालन किया जाकर वरिष्ठ कार्यालय से अनुमति ली गई है? यदि हाँ तो कब एवं किस अधिकारी की अनुमती से उक्त कार्य हुआ उसकी प्रमाणित जानकारी एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावे ? (ग) दिनांक 22/04/2025 की उक्त घटना को 2 महिने 5 दिन होने बाद भी संबंधित जिम्मेदार लेखाधिकारी राकेश पंवार एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई ? कार्यवाही नहीं करने से प्रतीत होता है कि आवश्यक दस्तावेज एवं व्हाउचर भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जलाए गए है ताकि भ्रष्टाचार उजागर ना हो क्या शासन जिम्मेदार लेखाधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा ? यदि हों तो कब तक ?
सामग्री वितरण मामले को लेकर भी जांच नहीं की गयी
वित्तीय वर्ष 2023 24 में तत्कालीन जनपद पंचायत प्रभारी सी इ ओ मनोज निगम के कार्यकाल में मनरेगा योजना के अंतर्गत 89 ग्राम पंचायतों को सामग्री प्रदाय की के लिए १ करोड़ 25 लाख राशि जारी की ई थी जिसमे भी बड़ी मात्रा में तथाकथित रूप से सी इ ओ और इसी लेखाधिकारी राकेश पवार द्वारा ग्राम पंचायतो से अवेध रूप से राशि वसूली ई थी , और सामग्री का कोई अता पता नहीं था जिसको लेकर भी कई शिकायते हुई उसकी जांच अभी तक अँधेरे में ही है |बताया जाता है की राशि से सामग्री खरीदना थी मगर कागजो पर ही सब निपटा लिया गया और राशी डकार ली गयी |
नियुक्ति को लेकर भी उठ रहे है सवाल
लेखाधिकारी राकेश पवार की जनपद पंचायत सेंधवा में हुई लेखाधिकारी के रूप में नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाये जा रहे है , जानकारों की माने तो यह नियुक्ति की भी जांच होनी चाहिए इनका मूल विभाग मनरेगा में सहायक लेकाधिकारी का है , इन्हें नियुक्ति कब और क्यों और किस प्रक्रिया के तहत दी गयी इसको लेकर भी गंभीर प्रश्नचिह्न ला हुआ है |