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भागवत कथा प्रथम दिवस -*   *कलश शौभायात्रा के साथ शुरू हुई भागवत कथा*   *भगवान ही भागवत ग्रंथ के रूप में स्वयं प्रगट हुए -दिव्य मुरारी बापू* 

 *सेंधवा से कपिलेश शर्मा* -भागवत ग्रंथ का नाम भागवत क्यों पड़ा । इस गंथ को सबसे पहले वाचन स्वंंम भगवान ने कथा सुनाई इस लिए इसका नाम भागवत पड़ा । कुछ लोगो में संसय है की भगवान ओर भागवत में अंतर है । यह सही नही है भगवान ही भागवत ग्रंथ के रूप में प्रकट हुए है व खुद ने इसका वाचन किया इस लिए इसका नाम भागवत है । उक्त बात दिव्य मुरारी बापू ने वैभव इंडस्ट्रीज निवाली रोड में पहले दिन भागवत कथा के वाचन के दौरान व्यक्त किया ।
बापू ने बताया की भागवत की परिक्रमा करने से राधाकृष्ण की परिक्रमा का फल मिलता है । भागवत पोती को नमन करने से राधाकृष्ण को नमन करने का फल मिलता है । भागवत भक्तो के चरित्र की कथा है । इस पर कथा को सुनने वाले से पूछा गया की आप कोन है तो उन्होंने कहा हम भक्त है । जब भगवान से पूछा गया आप कौन हैं तो उन्होंने कहा की हम भक्तो के भक्त है । जो भक्त दिल से भक्ति में लीन होते है भगवान उस भक्ति में लीन हो जाते है । भागवत में बताया की नर नारी में किसी एक की उपासना करना व दूसरे की उपेक्षा करना उचित नहीं है । जैसा की राम के साथ सीता जुडी है जैसे सीताराम, कृष्ण के साथ राधा  राधाकृष्ण,  शंकर के साथ गोरी जुड़ा है गोरी शंकर इस लिए दोनो की उपासना करना चाहिए । अयोध्या के महल में सेवा करने वालो की कमी नहीं थी । सभी सेवक गुणी थे । जानकर भी थे  किंतु माता सीता भगवान राम की सेवा खुद करती है । इस लिए माता सीता का नाम भी श्री पड़ा जो भगवान की जो सेवा करती वह श्री है । श्री किसे कहते है जो भगवान की सेवा करते है वह श्री है । जो भगवान जिनकी सेवा करते है वह श्रीजी है । जीवन में हमेशा याद रखना चाहिए अपना नाम बार बार नही लेना चाहिए ओर नाही अपने से बड़े का नाम भी बार बार नही लेना चाहिए लेना है तो आदर से लेना चाहिए । बापू ने कथा का वाचन करने से पूर्व प्रभु नाम का स्कीर्तन करते हुए । कृष्ण गोपाल हरे, रघु दिनदयाल हरे, …राधे श्याम राधे श्याम श्याम श्याम राधे राधे …..। मदन मोहन जरा बंशी बजा दोंगे तो क्या होगा ….। का कीर्तन किया । कथा प्रारंभ से पूर्व कथा यजमान राजेंद्र शर्मा ने भागवत ग्रंथ की पूजा कर आरती की इस दौरान परिवार व रिश्तेदार भी मौजूद थे।
*अग्रवाल कालोनी से निकली शोभा यात्रा*
श्रीमद् भागवत कथा के लिए अग्रवाल कालोनी स्थित चैतन्य महादेव शिव मंदिर से प्रातः 8 बजे भागवत गंथ की बैंड बाजा के साथ शोभायात्रा निकाली गई । शोभायात्रा में कृष्ण राधा के रूप धारण कर कन्या नाचते हुए 51 कलश लेकर महिलाए चल रही थी कथा वाचक संत दिव्य मुरारी बापू रथ में सवार थे । यजमान राजेंद्र शर्मा, पुत्र वैभव शर्मा के साथ भागवत गंथ को सर पर रख कर चल रहे थे । इस दौरान भक्तगण बारी बारी से गंथ को अपने सर पर रख कर आगे बढ़ते रहे । शोभा यात्रा कथा स्थल निवाली रोड वैभव इंडस्ट्रीज पर पूजा अर्चना के साथ सम्पन्न हुई ।

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