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भागवत कथा द्वितीय दिवस ….जब जब होती है धर्म मे हानि अधर्म बढ़ता है तब तब भगवान लेते है अवतार -दिव्य मुरारी बापू

सेंधवा से कपिलेश शर्मा -जब जब धर्म में हानि अधर्म बड़ता है तो भगवान अवतार लेते है ।भगवान का अवतार ही भक्तो की रक्षा करना है । जब भगवान अवतार लेते है तो भक्त की रक्षा करते हुए असुरों का भी वध करते हैं। भगवान ने 24 अवतार लिए है मानव अगर भागवत के अनुसार कार्य कर रहे तो आप धर्म के अनुरूप चल रहे हैं। उक्त कथन कथा वाचक दिव्य मुरारी बापू ने वैभव इंडस्ट्रीज में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन व्यक्त किए ।
मुरारी बापू ने बताया की मानव जीवन पाना इतना आसान नहीं है जब आपको मानव जीवन मिल गया तो उसे सार्थक बनाना होगा । यह तब सार्थक होगा जब आप भगवान की भक्ति लीन होंगे सत्संग में जाएंगे । आज कल कथा सुनना मन को अच्छा नहीं लगता किंतु सिनेमा देखना टीवी देखने में मन को अच्छा लगता है किंतु कथा में मन नही लगता है। मानव जीवन को सार्थक करने के लिए कथा को श्रवण कर आत्मसात करने की आवश्यकता है जब हमारा मानव जीवन सार्थक होगा । मानव जीवन का श्रेय क्या है भगवान की भक्ति करना है हमारे सभी शास्त्र भी कहता है भगवान की भक्ति करना ही मानव जीवन को सार्थक करता है । जिन पर भगवान की कृपा हो गई उन्हे तो भजन जरूर करना चाहिए । मानव जीवन पाने के बाद भजन कीर्तन नही किया तो मानव जीवन ही निर्थक हो जाता है । भागवत में भगवान ने 24 अवतार लिए उन अवतार में एक भागवत भी है इन अवतारों को सुबह याद कर लो जप कर लो मानव जीवन में कोई भी दुख हो सबसे आपको छुटकारा मिल जाएगा । भगवान को दो बार याद किया जाता है जब हम बहुत संकट में जब हम भगवान को याद करते है । दूसरी बार प्रेम भक्ति में भगवान को याद किया जाता है ।
कथा के दूसरे दिन यजमान राजेंद्र शर्मा, वैभव शर्मा, नपा अध्यक्ष बसंती बाई यादव, उपाध्यक्ष मोहन जोशी, राधेश्याम जोशी, दामोदर शर्मा, राजेश जोशी, मोहनलाल गजानंद शर्मा मालेगांव, राकेश मिश्रा इंदौर, विजय शर्मा सिलावड़, सुरेंद्र शर्मा इंदौर, विशाल जोशी, अंशुल जोशी, पियूष शर्मा, देवास, प्रशांत शर्मा तराना ने भागवत गंथ की पूजा कर आरती में सम्मिलित हुए

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